कोरोना से जंग: एंटीबॉडी जांच को भी मंजूरी, जांच का दायरा भी बढ़ा

कोरोना से जंग: एंटीबॉडी जांच को भी मंजूरी, जांच का दायरा भी बढ़ा

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर ने कोरोना वायरस के संक्रमण का जल्‍द पता लगाने के लिए देश में अब मरीजों के रक्‍त के एंटीबॉडी टेस्‍ट को भी मंजूरी दे दी है। इससे अब जांच के नतीजे जल्‍द आने का रास्‍ता साफ हो जाएगा। अभी तक मरीजों के मुंह और नाक के लार की जांच के जरिये संक्रमण का पता लगाया जा रहा है जिसमें काफी देर से रिजल्‍ट आता है।

इसके अलावा देश में बड़े पैमाने पर जांच अभियान को हरी झंडी दे दी गई है। आईसीएमआर ने कई और लैब को कोविड-19 की जांच के लिए अधिकृत कर दिया है। अब डिपार्टमेंट आफ बायोटेक्नालाजी (डीबीटी), डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नालाजी (डीएसटी), काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्टि्रयल रिसर्च (सीएसआइआर) और डिपार्टमेंट आफ एटामिक रिसर्च (डीएई) की प्रयोगशालाओं में भी कोविड-19 के नमूनों की जांच हो सकेगी।

आइसीएमआर के एक अधिकारी ने बताया कि इन संस्थाओं की लैब को कोरोना की जांच शुरू करने से पहले परिषद द्वारा जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है। आइसीएमआर की ओर से कहा गया कि यह वायरस बहुत ही खतरनाक है। इसके नमूने कई स्तरों से होकर जांच के लिए पहुंचते हैं। किसी भी स्तर पर अप्रशिक्षित कर्मचारी नहीं लगाया जा सकता। जरा सी भी लापरवाही में यह वायरस लैब को संक्रमित कर सबके लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।

आइसीएमआर की ओर से स्पष्ट किया गया है कि कि वह इन संस्थाओं को कोई जांच किट या रसायन उपलब्ध नहीं करायेगी। ये लैब सरकारी संस्थाओं और सरकारी अभियानों द्वारा भेजे गये नमूनों की ही जांच करेंगी। परिषद ने कहा कि ये लैब चूंकि प्रतिष्ठित संस्थानों के अधीन हैं इसलिए वह न तो इनका मौका मुआयना करेगी और न ही किसी तरह का अनुमति समझौता करेगी। इस संबंध में कोई समझौता करने के लिए इन विभागों के सचिव ही उपयुक्त होंगे। इन जांच लैब की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होगी। आइसीएमआर ने मेडिकल कचरे के निस्तारण के लिए नियमों का कड़ाई से पालन करने को भी कहा है।

कोरोना की जांच के लिए विभिन्न विभागों से संबंद्ध लैब को अधिकृत करने के साथ ही आइसीएमआर ने रक्त नमूनों से एंटीबाडी परीक्षण की मंजूरी दे दी है। एंटीबाडी परीक्षण से जांच का परिणाम जल्दी मिलता है। पंद्रह से बीस मिनट में इसका परिणाम मिल जाएगा। एंटीबाडी परीक्षण की एक सुविधा यह भी है कि कम समय में ज्यादा लोगों की जांच हो सकती है। इससे जो इलाके कोरोना से अधिक प्रभावित हैं वहां मरीजों की पुष्टि जल्दी करने के साथ उनका समय से इलाज करने में सुविधा होगी।

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